दैनिक कार्यक्रम
मंदिर में सुबह की आरती सुबह 6 बजे और शाम की आरती 8 बजे होती है। यह आरतियाँ भक्तों के लिए आध्यात्मिक साक्षरता का माध्यम हैं, जो सुबह की शांति और शाम की समर्पण के लिए साथ आते हैं। यह संगीत, प्रार्थना, और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत होती है और समुदाय के साथ एक मिलकर भव्य और पावन अनुभव प्रदान करती है।
श्री बिहारी जी विराजमान मंदिर के नियम
1. पूजा के दौरान शांति और आदर के साथ व्यवहार करें।
2. मंदिर में जूते पहन कर जाना वर्जित है।
3. बच्चों को ध्यानपूर्वक रखें और खेलने की अनुमति नहीं है।
4. धूप, दीप, और अन्य पूजा सामग्री को सावधानी से उपयोग करें।
5. मंदिर की पवित्रता को समर्पित रूप से बनाए रखें और यातायात को सन्यासी ढंग से करें।
6. ध्यान और मनन के लिए मंदिर के विचारशील द्वार का आनंद लें।
7. अपनी पूजा सामग्री को स्वयं लेकर आएं और इसका अभविष्यक निर्माण और सजावट का सही तरीके से ध्यान रखें।
8. धार्मिक और सामाजिक उपयोग के लिए मंदिर को सही तरीके से साझा करने का प्रयास करें।
9. किसी भी प्रकार की चोरी और अनुचित व्यवहार का सही जवाब दें।
10. संगीत, किताबें, और अन्य व्यापक विचारों के लिए सावधानी से जाएं और अपने साथी मंदिर आगगमन में भागीदार बनें।
11. मन्दिर की संपत्ति,जगह,आयोजन, एवं निर्माण कार्य सर्वराहकार/मुख्य ट्रस्टी की आज्ञा से ही किया जाएगा।
ये नियमों का पालन करके हम सभी एक सुखद और पवित्र मंदिर अनुभव कर सकते हैं और श्री बिहारी जी की कृपा को प्राप्त कर सकते हैं।